बुगचो....
राजस्थानी गीतां रो अणूठो संगम....
Saturday, December 18, 2010
Saturday, November 6, 2010
पछै म्हें क्यूँ जांवां परदेश
अच्छे रोजगार की तलाश और बेहतर भविष्य की आस लिए लोग गांवों से शहरों की और पलायन करतें है जिससे शहरों की आबादी बेतहाशा बढ रही है एक और गांव सुनसान हो रहें है वही शहरों पर आबादी का बोझ बढ़ने से आवास व अन्य सुविधाओं की भयंकर कमी हो रही है वही गांवों से पलायन के चलते गांवों में बने बड़े बड़े मकान व हवेलियाँ सूनी होती जा रही है यदि हमें गांवो में ही रोजगार मिल जाए तो गांव भी आबाद रहेंगे व शहरों में भी भीड़ नही बढेगी | साथ ही देश में बढ रहे क्षेत्रवाद के मुद्दे भी ज्यादा नही बढेंगे| इसके लिए सरकार गांवों में ही रोजगार के साधन उपलब्ध हो ऐसी सरकारी नीतियाँ बनाये,हम ख़ुद अपने गांव के आस पास ही रोजगार का सृजन करने की कोशिश करें तभी बात बन सकती है | लेकिन इसके लिए हमारी सोच निचे दिए विडियो में गायक द्वारा गाए गाने की तरह होनी चाहिए |
---संकलन
रतन सिंह जी
---संकलन
रतन सिंह जी
Saturday, August 21, 2010
Saturday, June 26, 2010
Tuesday, June 22, 2010
Sunday, June 20, 2010
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